


सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग गुरुवार को नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध एवं तस्करी रोकथाम दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री बी.एल. वर्मा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे।
26 जून को अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध एवं तस्करी रोकथाम दिवस
प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध एवं तस्करी रोकथाम दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश भर में नशीली दवाओं की मांग में कमी के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीडीडीआर) के अंतर्गत विभाग ने सभी समर्थित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और सभी गैर सरकारी संगठनों/स्वैच्छिक संगठनों से 1 जून से 26 जून, 2025 तक एनएमबीए के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम/कार्यक्रम आयोजित करने और संचालित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विभाग पूरे देश में जन आंदोलन के रूप में नशा मुक्त भारत अभियान तक पहुंच सुनिश्चित करेगा।
मादक द्रव्यों के सेवन से होने वाला विकार एक समस्या
दरअसल, मादक द्रव्यों के सेवन से होने वाला विकार एक समस्या है जो देश के सामाजिक ताने-बाने पर प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रहा है। किसी भी पदार्थ पर निर्भरता न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य, बल्कि उसके परिवार और पूरे समाज को भी प्रभावित करती है। विभिन्न मादक पदार्थों के नियमित सेवन से व्यक्ति की इन पर निर्भरता बढ़ जाती है। यह मादक पदार्थ मनोवैज्ञानिक विकार, हृदय संबंधी रोग, साथ ही दुर्घटनाएं, आत्महत्या और हिंसा का कारण बन सकते हैं। इसलिए, मादक द्रव्यों के सेवन और निर्भरता को एक मनो-सामाजिक-चिकित्सा समस्या के रूप में देखा जाना चाहिए।
नशा मुक्त भारत अभियान
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने नशा मुक्त भारत अभियान (एनएमबीए) शुरू किया है, जो वर्तमान में देश के सभी जिलों में युवाओं को मादक पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से काम कर रहा है। इस अभियान में उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों, स्कूलों और समुदाय तक पहुंच बनाने और सामुदायिक भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया गया है। मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि जून 2025 में नशा मुक्त भारत अभियान को जन-आंदोलन बनाने के लिए देश भर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
नशा मुक्त भारत अभियान की उपलब्धियां –
अब तक, जमीनी स्तर पर की गई विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से, 15.78 करोड़ से अधिक लोगों को मादक द्रव्यों के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक किया गया है, जिसमें 5.26 करोड़ से अधिक युवा और 3.31 करोड़ से अधिक महिलाएं शामिल हैं।
- 4.31 लाख से अधिक शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी ने यह सुनिश्चित किया है कि इस अभियान का संदेश देश के बच्चों और युवाओं तक पहुंचे।
- 20,000 से अधिक मास्टर वालंटियर्स (एमवी) की एक मजबूत टीम की पहचान की गई है और उन्हें प्रशिक्षित किया गया है।
- ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अभियान के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा
- एन.एम.बी.ए. मोबाइल एप्लीकेशन एन.एम.बी.ए. की गतिविधियों से जुड़े आंकड़ों को इकट्ठा करने और जिलों और मास्टर वालंटियर्स द्वारा वास्तविक समय के आधार पर जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर एन.एम.बी.ए. डैशबोर्ड पर प्रस्तुत करने के लिए विकसित किया गया है। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।
- एन.एम.बी.ए. वेबसाइट (http://nmba.dosje.gov.in) उपयोगकर्ताओं को अभियान, ऑनलाइन चर्चा मंच, एन.एम.बी.ए. डैशबोर्ड, ई-प्रतिज्ञा के बारे में विस्तृत जानकारी और अंतर्दृष्टि प्रदान करती है।
- राष्ट्रीय ऑनलाइन प्रतिज्ञा में 99,595 शैक्षणिक संस्थानों के 1.67 करोड़ से अधिक छात्रों ने नशामुक्ति की शपथ ली।
- युवाओं और अन्य हितधारकों को अभियान से जोड़ने के लिए ‘नशे से आजादी- एक राष्ट्रीय युवा और छात्र संपर्क कार्यक्रम’, ‘नया भारत, नशा मुक्त भारत’, ‘एनसीसी के एनएमबीए के साथ संपर्क’ जैसे कार्यक्रमों का नियमित रूप से आयोजन किया जा रहा हैं।
- एनएमबीए को समर्थन देने और जन जागरूकता गतिविधियां आयोजित करने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग, ब्रह्माकुमारीज, संत निरंकारी मिशन, राम चंद्र मिशन (दाजी), इस्कॉन और अखिल विश्व गायत्री परिवार जैसे आध्यात्मिक/सामाजिक सेवा संगठनों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। अभियान तक जनता की पहुंच के लिए सभी नशामुक्ति सुविधाओं को जियो-टैग किया गया है।